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सरसों की खरीद

जानें सबसे ज्यादा सरसों की खरीद किस राज्य में हुई है, नाफेड को खुद भी क्यों करनी पड़ी खरीद शुरू

जानें सबसे ज्यादा सरसों की खरीद किस राज्य में हुई है, नाफेड को खुद भी क्यों करनी पड़ी खरीद शुरू

नाफेड ने मार्केटिंग सीजन 2023-24 के लिए सरसों की एमएसपी दर 5450 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है। अगर हम राजस्थान की बात करें तो यह भारत का एकमात्र प्रदेश है, जो अकेला 42 फीसदी सरसों की पैदावार करता है। गेहूं समेत भारत के ज्यादातर राज्यों में तिलहन की खरीद भी चालू हो चुकी है। हरियाणा, मध्य प्रदेश और राजस्थान समेत विभिन्न राज्यों में एमएसपी पर सरसों की खरीद की जा रही है। मौसम के गर्म होते-होते सरसों की खरीद में तीव्रता भी होती जा रही है। यही कारण है, कि भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ (नाफेड) द्वारा अब तक 169217.45 मिट्रिक टन सरसों की खरीद की जा चुकी है। साथ ही, इसके एवज में किसान भाइयों के खाते में करोड़ों रुपये की धनराशि भी भेजी जा चुकी है। इससे सरसों का उत्पादन करने वाले कृषक काफी खुश हैं। ऐसी स्थिति में किसानों को आशा है, कि आगामी दिनों में सरसों खरीदी में और ज्यादा तीव्रता आएगी।

नाफेड ने खुद की सरसों की खरीद शुरू

किसान तक की खबरों के अनुसार, तीन वर्ष बाद ऐसा हुआ है, कि न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम दर होने के कारण नाफेड स्वयं सरसों की खरीदी कर रहा है। इससे पूर्व किसान स्वयं मंडियों में जाकर व्यापारियों को एमएसपी से महंगी कीमत पर सरसों विक्रय करते थे। अब तक 84914 किसानों ने एमएसपी पर सरसों विक्रय करते है। इसके एवज उनके खाते में 922.24 रुपये भेजे जा चुके हैं। आहिस्ते-आहिस्ते सरसों खरीद केंद्रों पर किसानों की संख्या काफी बढ़ती जा रही है। हालाँकि, बेमौसम बारिश के कारण से राजस्थान एवं मध्य प्रदेश समेत बहुत से तिलहन उपादक राज्यों में फसल की कटाई में विलंब हो गया था। साथ ही, बरसात से सरसों की फसल को काफी क्षति भी पहुंची है। यह भी पढ़ें: न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद के लिए 25 फरवरी तक करवा सकते हैं, रजिस्ट्रेशन मध्य प्रदेश के किसान

हरियाणा में विगत 20 मार्च से सरसों की खरीद शुरू हो चुकी है

भारत में राजस्थान सरसों का सर्वाधिक उत्पादन करता है। परंतु, इस बार हरियाणा सरसों की खरीद करने के संबंध में राजस्थान से आगे है। नाफेड ने अब तक हरियाणा के अंदर 139226.38 मिट्रिक टन सरसों की खरीद करली है। हालाँकि, हरियाणा राज्य में भी देश के कुल उत्पादन का अकेले 13.5 फीसद सरसों का उत्पादन किया जाता है। इसके बदले में कृषकों को 758.78 करोड़ रुपये दिए गए हैं। विशेष बात यह है, कि हरियाणा में विगत 20 मार्च से सरसों की खरीद शुरू की गई है।

इन राज्यों में इतने मीट्रिक टन सरसों की एमएसपी पर खरीद की जा चुकी है

नाफेड ने मार्केटिंग सीजन 2023-24 हेतु सरसों की एमएसपी दर 5450 रुपये प्रति क्विंटल तय कर दी है। यदि हम राजस्थान की बात करें तो यहां की जलवायु के अनुरूप यह भारत का एकमात्र राज्य है, जो अकेला 42 फसदी सरसों का उत्पादन करता है। इसके बावजूद भी राजस्थान में अब तक 4708.40 मिट्रिक टन ही सरसों की खरीद हो सकती है। साथ ही, सरसों उत्पादन में मध्य प्रदेश भी कोई पीछे नहीं है। यह 12 प्रतिशत सरसों का उत्पादन किया करता है। मध्य प्रदेश में अब तक 9977.74 मीट्रिक टन सरसों की खरीद संपन्न हुई है। इसके उपरांत गुजरात 4.2 फीसद सरसों का उत्पादन करता है।
सरसों की फसल को एमएसपी पर खरीदने की तैयारी पूरी करने का निर्देश

सरसों की फसल को एमएसपी पर खरीदने की तैयारी पूरी करने का निर्देश

केंद्र सरकार इस बार एमएसपी पर सरसों की खरीद करेगी। सरकार ने इसकी संपूर्ण तैयारियां कर ली हैं। केंद्रीय कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा ने बुधवार को इस बात की जानकारी दी है। भारत में इस बार सरसों की काफी शानदार पैदावार हुई है, जिस पर केंद्रीय कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा ने किसानों का आभार प्रकट किया है। 

कृषि मंत्री का कहना है, कि इस साल किसानों ने भारी मात्रा में सरसों की पैदावार की है। इसके लिए समस्त किसान भाई-बहन बधाई के पात्र हैं। मुंडा ने कहा कि उन्होंने संबंधित विभागों को सरसों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर खरीदने के लिए कहा है। ताकि किसानों को उपज बेचने में कोई कठिनाई न आए और उन्हें उपज की समुचित धनराशि मिल सके।

MSP पर सरसों की खरीद की जाएगी 

मीडिया को एक ब्रीफिंग में मुंडा ने आगे बताया कि सरकार ने रबी फसलों के विपणन सीजन के दौरान मूल्य समर्थन योजना (पीएसएस) के तहत सरसों की खरीद की तैयारी की है। उन्होंने कहा, "सरकार के लिए किसानों का हित सर्वोपरि है। अगर सरसों की कीमत न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से नीचे जाती हैं, तो सरकार किसानों से एमएसपी पर सरसों खरीदेगी। उन्होंने बताया कि इसके लिए आवश्यक व्यवस्थाएं भी की गई हैं।"

खरीद की सारी तैयारियां पूर्ण करने का निर्देश दिया है 

उन्होंने कहा कि रबी विपणन सीजन (आरएमएस) के लिए केंद्रीय नोडल एजेंसियों को पहले से ही पीएसएस के तहत सरसों की खरीद के लिए तैयार रहने का निर्देश दिया गया है, ताकि किसानों को किसी भी तरह की कठिनाई का सामना न करना पड़े। उन्होंने कहा, "रबी विपणन सीजन-2023 के दौरान गुजरात, हरियाणा, मध्य प्रदेश, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और असम राज्यों से पीएसएस के तहत खरीद की मंजूरी 28.24 एलएमटी सरसों थी।"

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कृषकों को अधिक समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ेगा 

आरएमएस-2024 के लिए भी सभी सरसों उत्पादक राज्यों को सूचित किया गया है, कि यदि राज्य में सरसों का वर्तमान बाजार मूल्य अधिसूचित एमएसपी से कम है, तो पीएसएस के तहत सरसों की खरीद का प्रस्ताव समय रहते भेजें। उन्होंने कहा कि आरएमएस-2024 के लिए सरसों का एमएसपी 5,650 रुपये प्रति क्विंटल है। उन्होंने कहा कि सरकार का प्रयास है, कि किसानों को उनकी उपज का सही भाव मिल सके और उन्हें अपने उत्पाद को बेचने में कोई समस्या न आए।